थोड़ी फीकी है मिठास की तैयारी:10 टन सैवइयां का कारोबार रहता था कोरोना के कारण 3 टन पर आ गया

मुस्लिम समुदाय की मीठी ईद 13 मई को हो सकती है। चांद दिखने पर ईद की घोषणा होगी। इस ईद पर सैवइयां और फैनी का उपयोग होता है। लॉकडाउन के कारण इनके कारखाने 15 दिन पहले ही बंद हो चुके हैं। इस उद्योग से जुड़े अनवर हुसैन बताते हैं कि सामान्य स्थिति में 8 स 10 टन का कारोबार होता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण मजदूर काम छोड़ कर चले गए। केवल 3 टन का उत्पादन ही हो सका। उसे भी तुरंत शहर में ही खपा दिया।

उज्जैन का माल गुजरात तक जाता है लेकिन इस बार नहीं भेज पाए। यही स्थिति फैनी की भी है। लॉकडाउन के पहले जितना बेच सकते थे, बेच दिया। आमतौर पर दो तरह की सैवइयां बनती हैं- एक पैकेट वाली और दूसरी खड़ी। थोक भाव में यह 35 रुपए और खैरची में 40 से 45 रुपए किलो बिकती है। कोरोना और लॉकडाउन के कारण इस बार न रौनक है और न बाजार खुले हैं। सब घरों में ही ईद मनाएंगे।

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